कल मेरे एक दोस्त ने मुझे एक saxy story बताई, ऑफिस में बैठे थे कि मेरा एक दोस्त और उसके साथ एक और आदमी मुझ से मिलने आए।
चाय पानी के बाद बातें करते करते मेरे दोस्त उस दूसरे आदमी के बारे में मुझे बताया, जिसे मैं एक कहानी के रूप आप सब के सामने पेश कर रहा हूँ।
कहानी के सभी वाकयात सच हैं, सिर्फ नाम बदले गए हैं।
तो पढ़िये और मज़ा लीजिये।

मेरा नाम देव राज है, और मेरी उम्र 33 साल की है। पेशे से मैं एक बावर्ची हूँ। एक सरकारी महकमे में काम करता हूँ। बड़े बड़े अफसरों के घर में मुझे खाना पकाने का ही काम मिलता है। कभी इस अफसर के घर तो कभी किसी और अफसर के घर!
18 साल की उम्र में ही मैं नौकरी लग गया था इसलिए अब तक अफसरों के साथ बात करने का, उनके घरों में काम करने का बहुत तजुर्बा हो चुका है।

एक बात मैं आपको बताता हूँ कि जितने भी अफसर लोग होते हैं न, हम सोचते हैं कि इतना बड़ा ऑफिसर है, इसकी तो बहुत शानदार ज़िंदगी होगी, मगर ऐसा कुछ नहीं है। ऊपर से ही सब ठीक लगता है, मैंने अफसरों को दारू पी कर अपनी बीवी को पीटते हुये देखा है, बीवी से पिटते हुये देखा है, घर की नौकरानी से चुदाई की भीख मांगते देखा है, और मेम साब को घर के नौकरों से और बाहर वालों से चुदते देखा है।
अफसर तबके में पारिवारिक ज़िंदगी बिल्कुल बेकार होती है, कोई ही घर ऐसा होता है, जिस में सब कुछ ठीक ठाक हो, वरना सब के घर में यही रोना है। आदमी जितना गरीब और निचले तबके का होता है, उसकी पारिवारिक ज़िंदगी उतनी ही खुशहाल होती है।

पिछले महीने मैंने दरख्वास्त देकर, साहब से मिन्नत कर के अपनी बदली कहीं और करवाई।
ऐसा नहीं कि साहब कोई बुरा आदमी था, साहब तो बहुत ही नेक आदमी था, मेरे बनाए खाने की बहुत तारीफ करता था, मेरी बहुत बार कई तरह से मदद भी की थी।
मुझे दिक्कत थी मेम साहब से…

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