ममेरी बहन और उसकी सहेली-2
भाग एक से आगे :
मैं बोला- दीदी, शादी के बाद मुझे यह सब करने दोगी क्या?
दीदी बोली- बिल्कुल ! सब कुछ करना ! जो दिल में आये वो सब कुछ कर लेना ! पर अभी तो मुझे चोद दे !
मैंने दीदी की चूत में डाल दिया अपना लण्ड और थोड़ी देर बाद हम दोनों का काम तमाम हो गया।
हम शान्त होकर आराम से बैठ गए और दीदी घर का काम करने में लग गई। मैं छत पर चला गया।
फिर दीदी भी काम खत्म करके छत पर आ गई।
हम छत पर बैठे थे, दीदी बोली- मैं प्रिया को कुछ बताना नहीं चाहती थी पर उसने इतना जोर दिया कि मुझे बताना पड़ा !
मैं बोला- कोई बात नहीं ! जो होगा, देखा जायेगा !
और हम जाकर अपने अपने कमरे में सो गए।
अगले दिन सुबह दीदी को काम से बाहर जाना पड़ा, मामा जी ड्यूटी पर चले गए, मामी जी पड़ोस की एक आंटी के साथ मार्केट चली गई।
मैं घर में अकेला था और कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था। मेरा लंड खड़ा था कि इतने में दरवाजे पर घण्टी बजी। मैं घबरा गया और जल्दी से कंप्यूटर बंद करके दरवाजा खोलने गया। मेरा लंड खड़ा था और मैं उसे छुपाने की कोशिश कर रहा था।
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मैं बोला- दीदी, शादी के बाद मुझे यह सब करने दोगी क्या?
दीदी बोली- बिल्कुल ! सब कुछ करना ! जो दिल में आये वो सब कुछ कर लेना ! पर अभी तो मुझे चोद दे !
मैंने दीदी की चूत में डाल दिया अपना लण्ड और थोड़ी देर बाद हम दोनों का काम तमाम हो गया।
हम शान्त होकर आराम से बैठ गए और दीदी घर का काम करने में लग गई। मैं छत पर चला गया।
फिर दीदी भी काम खत्म करके छत पर आ गई।
हम छत पर बैठे थे, दीदी बोली- मैं प्रिया को कुछ बताना नहीं चाहती थी पर उसने इतना जोर दिया कि मुझे बताना पड़ा !
मैं बोला- कोई बात नहीं ! जो होगा, देखा जायेगा !
और हम जाकर अपने अपने कमरे में सो गए।
अगले दिन सुबह दीदी को काम से बाहर जाना पड़ा, मामा जी ड्यूटी पर चले गए, मामी जी पड़ोस की एक आंटी के साथ मार्केट चली गई।
मैं घर में अकेला था और कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था। मेरा लंड खड़ा था कि इतने में दरवाजे पर घण्टी बजी। मैं घबरा गया और जल्दी से कंप्यूटर बंद करके दरवाजा खोलने गया। मेरा लंड खड़ा था और मैं उसे छुपाने की कोशिश कर रहा था।
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